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अष्‍टावक्र महागीता-(प्रवचन-33)
हम बाहर तो कुछ और दिखाते हैं, भीतर हम कुछ और हैं। इसलिए बड़ा धोखा पैदा होता है। काश, हर व्यक्ति अपने जीवन की कथा को खोल कर रख दे, तो तुम बहुत हैरान हो जाओगे : इतना दुख है, दुख ही दुख है; सुख की तो ब…