पोनी-एक कुत्ते की आत्म कथा

पोनी–एक कुत्ते की आत्म कथा (सारांश)

समय-पोनी की आत्म कथा लिखने में मुझे 2006 से 2022 यानि की 16 साल लगे।

पहले मैं ‘’पोनी-एक कुत्ते की आत्म कथा’’ सबसे पहले मैं अपने छोटे बेटे को माध्यम बना कर इस आत्म कथा को लिखना चाहता था। फिर सोचा बच्चे से गहरी ध्यान की बात ठीक नहीं होंगी। या हो सकता बड़ा हो कर बच्चा ध्यान ही न करें। तब अचानक मेरे मस्तिष्क में विचार कौंधा की क्यों न सोचा की पिरामिंड को खूद ही अपनी कथा कहता हुआ दिखलाता हूं। परंतु कुछ क्षण बाद ही वह विचार थिर हो गया। क्योंकि वह तो थिर था। चल फिर नहीं सकता था। तब इसका नाम होता ‘’एक पिरामिंड की आत्म कथा’’-

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तंत्रा-विज्ञान-(Tantra Vision-भाग-02)-प्रवचन-00

तंत्रा-विज्ञान-Tantra Vision-(सरहा के गीत)-भाग-दूसरा

दिनांक 01 मई 1977 ओशो आश्रम पूना।

(सरहा के राज गीतों पर दिये गये ओशो के बीस अमृत प्रवचनों में दस का संकलन जो उन्होंने पूना आश्रम में दिनांक 01 मई 1977 से 10 मई 1977 में ओशो आश्रम पूना के बुद्धा हाल में दिए थे।) 

भूमिका:

ओशो कहते है कि तंत्र एक खतरनाक दर्शन और धर्म है। मनुष्य के पर्याप्त साहसी न होने के कारण ही बड़े पैमाने पर अभी तक तंत्र के प्रयोग और प्रयास नहीं किये गए। केवल बीच-बीच में कुछ प्रयोग और प्रयास वैयक्तिगत लोगों द्वारा ही तंत्र के आयाम को छेड़ा गया। लेकिन यह अधुरा प्रयास बहुत ही खतरनाक बन गया। अधुरी बात हमेशा गलत और खतरनाक होती ही है। लेकिन समाज द्वरा स्वीकृति न मिलने से उन लोगों को अनेक यातनाएं झेलनी पड़ी। उन्हें गलत समझा गया।

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