मीन जायकर समुंद समानी–(प्रवचन–दसवां)
कानो सुनी सो झूठ सब-(संत दरिया दास)
दिनांक:२०. ७. १९७७, श्री रजनीश आश्रम, पूना
प्रश्न सार:
1–संन्यास मनुष्य की संभावना है या नियति?
2–झूठ इतना प्रभावी क्यों हैं?
3–प्रार्थना सम्राट की तरह कैसे की जाए?
4–क्या प्रेम की जिज्ञासा ही अद्वैत प्रेम के अनुभव में परिणत होती है? Continue reading “कानो सुनी सो झूठ सब-(प्रवचन-10)”