मैं प्रेम के पक्ष में हूं—(प्रवचन—बीसवां)
दिनांक 10 मई 1976 ओशो आश्रम पूूूूना।
प्रश्न—सार:
1—प्रत्येक मनुष्य समस्याओं से भरा हुआ और अप्रसन्न क्यों है?
2—मैं स्वप्न देखा करती हूं कि मैं उड रही हूं क्या हो रहा है?
3—आपके प्रवचनोपरांत उमंग, लेकिन दर्शन के बाद हताशा ऐसा क्यों?
4—पूरब में एक से प्रेम संबंध, पश्चिम में अनेक से, प्रेम पर आपकी दृष्टि क्या है? Continue reading “पतंजलि : योग-सूत्र-(प्रवचन-100)”