ओशो ध्यान योग प्रथम ओर अंतिम मुक्ति–अध्याय-छठवाां
साधना – सूत्र
यहां प्रस्तुत हैं ओशो के विभिन्न साधकों को संकेत कर व्यक्तिगत रूप से लिखे गए साधना-संबंधी इक्कीस पत्र।
ये पत्र “प्रेम के फूल, ढाई आखर प्रेम का, अंतर्वीणा, पद घुंघरू बांध, तत्वमसि तथा टरनिंग इन, गेटलेस गेट, दि साइलेंट म्यूज़िक, व्हाट इज़ मेडीटेशन” आदि विविध पत्र-संकलनों से चुने गए हैं।
इन पत्रों में साधना सूत्रों की ओर सूक्ष्म इशारे हैं।
तीन सूत्र—साक्षी-साधना के
साक्षी-भाव की साधना के लिए इन तीन सूत्रों पर ध्यान दो–
- संसार के कार्य में लगे हुए श्वास के आवागमन के प्रति जागे हुए रहो। शीघ्र ही साक्षी का जन्म हो जाता है।
- भोजन करते समय स्वाद के प्रति होश रखो। शीघ्र ही साक्षी का आविर्भाव होता है।
- निद्रा के पूर्व जब कि नींद आ नहीं गयी है और जागरण जा रहा है–सम्हलो और देखो। शीघ्र ही साक्षी पा लिया जाता है।