प्रवचन-बारहवां-(काम के नये आयाम)
अहमदाबाद -अंतरंग वार्ताएं……
आप लोग सारी बात कर लें तो थोड़ा मेरे खयाल में आ जाए, तो मैं थोड़ी बात कर लूं।
एक विचार यह है कि जो आर्थिक तकलीफ हमें होती है यहां पर, आप बाहर में जहां-जहां प्रवचन करके आए हैं, वहां सब मित्रों को निवेदन हम करें कि वे सब थोड़ा-थोड़ा, जितना हो सके, सहयोग करें बंबई के केंद्र को।
अभी जो बहनजी ने बताया उसके ऊपर मैं एक सजेशन देना चाहूंगा कि जितने भी हमारे मित्र हैं या हमारे जो शुभेच्छु हैं, मेंबरशिप टाइप में एक फिक्स्ड एमाउंट रख दिया जाए कि एनुअली इतना देना पड़ेगा सबको। मेरे खयाल से यह बहुत कुछ हमको मदद दे सकेगा हमारी आर्थिक व्यवस्था को सुधारने में। अगर ग्यारह रुपये एनुअली भी रख दें हम तो कोई बड़ी चीज नहीं है देने की दृष्टि से। Continue reading “अनंत की पुकार-(प्रवचन-12)”