चौथा प्रवचन–(प्रेम की भाषा)
ईश्वर मर गया है। कैसे पुनरुज्जीवित हो सकता है, इस संबंध में पिछले तीन दिनों में थोड़ी-सी बात मैंने आपसे कही। उस बारे में बहुत से प्रश्न यहां आए हैं। उनमें से थोड़े-से प्रश्नों का, जो कि सभी प्रश्नों के प्रतिनिधि प्रश्न हैं, मैं आपको उत्तर दूंगा।
सबसे पहले तो बहुत-से मित्रों ने यह पूछा है–यह बात सुनकर कि ईश्वर मर गया है, हमें बहुत दुख हुआ है?
आपको दुख हुआ इस बात से, मुझे बहुत खुशी हुई है, क्योंकि मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूं, जिनसे मैंने कहा कि ईश्वर मर गया है तो उन्होंने कहा, मर जाने दो, हर्जा क्या है? मैं ऐसे लोगों को भी जानता हूं जिनसे मैंने कहा कि ईश्वर मर गया है तो उन्होंने कहा–ईश्वरलाल ठेकेदार? अच्छा आदमी था बेचारा, कैसे मर गया? Continue reading “क्या ईश्वर मर गया है?-(प्रवचन-04)”