दसवां-प्रवचन-(समाधि समाधान है)
प्रश्न-सार:
01-दीनता, धीरज और शील को कैसे साधें?
02-प्रकृति के कण-कण की भगवत्ता और बुद्धत्व की भगवत्ता के गुणधर्म में क्या फर्क है?
03-क्या कभी भगवान भी भक्त होता है?
04-सार-असार की सीमा-रेखा कहां है?
05-स्वप्नों से रहित जीवन भी रसपूर्ण कैसे होता है?
06-फरीद जैसे संत हमें इतने आत्मीय क्यों लगते हैं?
07-परमात्मा ने हमें बनाया..फिर भी उसका विस्मरण क्यों? Continue reading “अकथ कहानी प्रेम की-(प्रवचन-10)”