ध्यान के कमल-(साधना-शिविर)–ओशो
प्रवचन-दसवां-(ध्यान: जीवन में क्रांति)
जीसस ने कहा है: जो भारग्रस्त हैं, चिंता से भरे हैं, जिनका मन विक्षिप्तता का बोझ हो गया है, वे मेरे पास आएं, मैं उन्हें निर्भार कर दूंगा।
यही मैं तुमसे भी कहता हूं। चिंताएं, दुख, पीड़ाएं, संताप इसलिए हैं, क्योंकि तुमने इन्हें जोर से पकड़ रखा है। चिंताएं किसी को पकड़ती नहीं, दुख किसी को पकड़ते नहीं, आदमी ही उन्हें पकड़ लेता है। Continue reading “ध्यान के कमल-(प्रवचन-10)”