प्रेम-रंग-रस ओढ़ चुंदरिया-(दूल्हन)–प्रवचन-दसवां
दिनांक : 10-फरवरी, सन् 1979; श्री ओशो आश्रम, पूना।
प्रश्नसार:
1—प्रार्थना में बैठता हूं तो शब्द खो जाते हैं।
यह कैसी प्रार्थना!
2—मैं संन्यास तो लेना चाहता हूं लेकिन समाज से बहुत डरता हूं।
कृपया मार्ग दिखाएं।
3—संतों की सृजनात्मकता का स्रोत कहां है?
सब सुख-सुविधा है, फिर भी मैं उदास क्यों हूं? Continue reading “प्रेम-रस-रंग ओढ़ चदरिया-(प्रवचन-10)”