राजनीति से छुटकारा—(प्रवचन—पंद्रहवां)
मेरे प्रिय आत्मन्!
शिविर का अंतिम दिन है और इसलिए यहां से विदा होने के पूर्व कुछ थोड़ी सी जरूरी बातें आपसे कह देनी आवश्यक हैं। लेकिन इसके पहले कि मैं उन्हें कहूं, एक-दो प्रश्न और, जो महत्वपूर्ण हैं और छूट गए हैं, उनकी भी चर्चा कर लेनी उचित होगी। फिर भी कुछ प्रश्न छूट जाएंगे, तो मैं निवेदन करूंगा कि जिन प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं, जिनकी चर्चा की गई, यदि उनको ठीक से सुना गया होगा, तो जो प्रश्न छूट जाएं उनका भी विचार आपके भीतर पैदा हो सकता है।
बहुत से प्रश्न समान हैं, थोड़ा-बहुत भेद है, और जो-जो उनमें प्रतिनिधित्व करने वाले प्रश्न थे उनको चुन कर मैंने अपने विचार आपसे कहे। Continue reading “समाधि कमल-(प्रवचन-15)”